Sangeeta

Add To collaction

लेखनी कहानी -16-Feb-2022 प्रेम और श्रृंगार लिए

#लेखनी प्रतियोगिता हेतु

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

धानी चुनर ओढ़ कर, रूप अति हर्षाए,
देखो हल्दी लग रही,दुल्हन सी शर्माए,

मंद मंद मुस्कान लिए, स्वच्छ बसंती धूंप,
मुख मंडल की आभा ऐसी,जैसे सुनहरा रूप,

हर डाली पर तितलियां,फूलों पर मंडराए,
सरसों फूली हर तरफ, बसंत ऋतु आए,

फूलों से श्रृंगार किया, सजे पितांबर रत्न,
राधा सी है प्रकृति,मौसम मन मोहन,

सुंदर लगे है यह आलम, सुंदर लगे संसार,
बसंत ऋतु लेकर आई, फूलों का  उपहार,

सरसों,गेंदा ,सूरजमुखी,से बने गले का हार,
मां वीणा वादिनी का करूं मैं श्रंगार,

मंद मंद चली पुरवाई, देख बसंती धूंप है आई,
हर डाली पर कोंपल फूटी, गेहूं की बाली लहराई,

भंवरे भी नादान हुए, हर कली की मुस्कान हुए,
उन्मुक्त गगन में उड़ गये,दिल में एक अरमान लिए,

आसमान में  लहराई है, डोर संग पतंग,
उड़ती रही अंबर में, नई उमंग के संग,

शुभ सवेरा सज रहा, शाम की लाली छाई,
प्रेम और श्रृंगार लिए,बसंत ऋतु आई,
संगीता वर्मा ✍️✍️............................


   8
5 Comments

Simran Bhagat

18-Feb-2022 02:17 PM

Nyc🔥🔥

Reply

Ravi Goyal

17-Feb-2022 07:18 AM

वाह बहुत खूबसूरत रचना 👌👌

Reply

Zakirhusain Abbas Chougule

17-Feb-2022 01:07 AM

Wah bahut sundar Rachna

Reply